Thursday, July 9, 2009

जिसने तुम्हें बनाया , तू ने दिया सहारा उस देश के नयन में तेरा सपन रहेगा .कण -कण में लिखी है तेरी अमर कहानी कारगिल चहक रहा है बन फूल की निशानी, माला न टूट पाए तू हर ओर तू जूडा था गोली जहां गिरी थी , उस ओर तू मुड़ा था !तेरी किरण - किरण की गाथा गगन कहेगा !अतुल जैन ९ जुलाई 2009

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