जवानी रै दिनां में डबली बाबू एकर साक्षात्कार देबा ने गया। एक भायलो भी सागे हो। पैली भायला री बारी आयी। डबली बाबू बीने पुछ्यो -तनै के -के सवाल पूछ्या ?
भायलो जवाब दियो-तीन सवाल पूछ्या। पैलो सवाल -भारत के प्रथम प्रधानमंत्री कौन थे? मैं जबाब दियो- जवाहरलाल नेहरू । दूसरो सवाल - भारत आजाद कब हुआ ? मैं जवाब दियो- प्रयास तो १८५७ से शुरू हो गए थे पर सफलता १९४७ में मिली। तीसरो सवाल-क्या कैंसर लाइलाज है? मैं जवाब दियो-डॉक्टरों का अनुमान तो यही है। वैसे शोध जारी है।
डबली बाबू तीनूं प्रश्नां रा उत्तर रट लिया। थोड़ी देर में बांरी बारी आयी। अफसर पूछ्यो-आपका का नाम?
डबली बाबू फट उत्तर दियो-जवाहरलाल नेहरू। अफसर अ"र कने बेठ्या लोग चकराया।
"आपका जन्म कब हुआ?"
प्रयास तो सन १८५७ से चल रहा था । सफलता १९४७ में मिली।- डबली बाबू रो उत्तर सुण सै जणा हंस पड्या।
अफसर बनावटी गुस्से में बोल्यो -"पागल हो गए हो क्या?"
" डॉक्टरों का अनुमान तो यही है। वैसे शोध जारी है।
गुलराज जोशी
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