आज रो मौसम नशिलो देख्ल्यो
मैक रियो आकास गीलो , देख्ल्यो!
थांरे हाथां मेंदी के रची
खिल उठ्यो सावन सजिलो देखलो!
पुरवाई धीमे सी कानां आ कही
उडीक रियो कोई छबीलो देख्ल्यो!
चाँद ने गिटग्यो ज्यूँ कोई साब्तो
आपरो जोबन हठीलो देख्ल्यो!
प्रियदर्शिनी
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